अबिद कश्मीरी कश्मीरी साहित्य के एक प्रख्यात कवि और विद्वान थे, जिनकी रचनाओं ने कश्मीरी साहित्यिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनका जन्म 1933 में श्रीनगर के खन्यार इलाके में एक साहित्यिक परिवार में हुआ था।
कश्मीरी एक मेधावी छात्र थे और उन्होंने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा श्रीनगर में प्राप्त की। बाद में उन्होंने अमृतसर के पंजाब विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की।
स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, कश्मीरी भाषा और साहित्य विभाग में एक व्याख्याता के रूप में कश्मीर विश्वविद्यालय में शामिल हुए। उन्होंने कश्मीरी भाषा और साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कश्मीरी ने अपनी कविताएँ और निबंध कश्मीरी पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में प्रकाशित किए। उन्होंने कश्मीरी भाषा पर किताबें भी लिखीं, जिनमें "कश्मीरी कविता की खोज" और "कश्मीरी भाषा और साहित्य" शामिल हैं।
कश्मीरी की कविताएँ प्रेम, प्रकृति, देशभक्ति और सामाजिक मुद्दों के विषयों से प्रेरित थीं। उनकी शैली सरल, भावनात्मक और विचारोत्तेजक थी। वह कश्मीरी लोक गायन और सूफीवाद से भी काफी प्रभावित थे।
कश्मीरी की कुछ सबसे प्रसिद्ध कविताओं में शामिल हैं:
कश्मीरी के साहित्यिक योगदान को कई पुरस्कारों और सम्मानों से मान्यता मिली, जिनमें शामिल हैं:
अबिद कश्मीरी कश्मीरी साहित्य के एक संस्थापक व्यक्ति थे। उनकी कविताएँ आज भी कश्मीरी लोगों के लिए प्रेरणा और गौरव का स्रोत हैं। उन्होंने कश्मीरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
शीर्षक | विधा | प्रकाशन वर्ष |
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हंसुर | कविता | 1966 |
मरनज़ | कविता | 1974 |
वोली | कविता | 1980 |
क्राल कराल | कविता | 1988 |
मोेन ज़ान | कविता | 1996 |
पुरस्कार/सम्मान | संगठन | वर्ष |
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साहित्य अकादमी पुरस्कार | साहित्य अकादमी | 1988 |
पद्म श्री | भारत सरकार | 2010 |
डॉक्टरेट की उपाधि | कश्मीर विश्वविद्यालय | 2012 |
विषय | उदाहरण |
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प्रेम | हंसुर |
प्रकृति | वोली |
देशभक्ति | क्राल कराल |
सामाजिक मुद्दे | मोेन ज़ान |
अबिद कश्मीरी के साहित्य का अध्ययन करते समय कुछ सामान्य गलतियाँ हैं जिनसे बचना चाहिए:
अबिद कश्मीरी कश्मीरी साहित्य के एक दिग्गज थे, जिन्होंने कश्मीरी भाषा और संस्कृति को समृद्ध किया। उनकी कविताएँ आज भी कश्मीरी लोगों को प्रेरित करती हैं और दुनिया भर में उनकी विरासत मनाई जाती है। उनके जीवन और कार्यों का अध्ययन करने से हमें कश्मीरी साहित्य की समृद्धि और कविता की शक्ति की समझ प्राप्त होती है।
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