अबिद कश्मीरी (1912-1952) कश्मीरी ज़बान के एक मशहूर शायर थे। वह अपने ग़ज़लों और नज़्मों के लिए जाने जाते हैं, जो कश्मीरी समाज की समस्याओं और ज़िंदगी के दर्द को बयाँ करती हैं।
अबिद कश्मीरी का जन्म 1912 में श्रीनगर, कश्मीर में हुआ था। उन्होंने कश्मीरी और उर्दू में शायरी की और 1930 के दशक में अपनी पहली ग़ज़लें प्रकाशित कीं। उनका पहला संग्रह "आब-ए-रवाँ" 1946 में प्रकाशित हुआ।
अबिद कश्मीरी 1947 में पाकिस्तान चले गए और कराची में रहने लगे। जहाँ वह कश्मीरी विस्थापित समुदाय के नेता बन गए। उन्होंने कश्मीरी ज़बान और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम किया और कई कश्मीरी पत्रिकाओं और संगठनों की स्थापना की।
अबिद कश्मीरी की शायरी सरल, सीधी और भावुक थी। उन्होंने कश्मीरी समाज के दर्द और संघर्ष को अपनी कविताओं में बयाँ किया। उनकी ग़ज़लों में अक्सर प्यार, नुकसान और अलगाव के विषय होते थे।
अबिद कश्मीरी की कुछ सबसे प्रसिद्ध रचनाओं में शामिल हैं:
अबिद कश्मीरी को कश्मीरी ज़बान के सबसे महान शायरों में से एक माना जाता है। उनकी शायरी आज भी कश्मीरी लोगों के बीच लोकप्रिय है और उन्हें कश्मीरी समाज के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।
अबिद कश्मीरी कश्मीर से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने अपनी कविताओं में कश्मीर की खूबसूरती और उसकी ज़मीन की तारीफ़ की। हालाँकि, उन्होंने कश्मीरी लोगों के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में भी लिखा, जैसे गरीबी, भेदभाव और अत्याचार।
अबिद कश्मीरी एक सामाजिक न्यायवादी थे। उन्होंने समाज में सभी के लिए समानता का समर्थन किया। उन्होंने अमीर और गरीब के बीच के अंतर की आलोचना की और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई।
अबिद कश्मीरी शांति और भाईचारे में विश्वास करते थे। उन्होंने अपनी कविताओं में धार्मिक सद्भाव और समुदायों के बीच एकता का संदेश दिया। उन्होंने युद्ध और हिंसा का विरोध किया और शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया।
आज भी, अबिद कश्मीरी की शायरी कश्मीरी लोगों के लिए प्रासंगिक है। उनकी कविताएँ सामाजिक न्याय, शांति और भाईचारे के महत्व के बारे में एक शक्तिशाली संदेश प्रदान करती हैं। उनकी विरासत कश्मीरी समाज में जीवित है, और उन्हें आज भी कश्मीरी ज़बान और संस्कृति के संरक्षक के रूप में याद किया जाता है।
ग़ज़ल का नाम | वर्ष |
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माज़ी | 1940 |
दिल की दवा | 1942 |
कश्मीर की मिट्टी | 1945 |
आज़मती | 1947 |
ख़िताब-ए-कश्मीर | 1950 |
संग्रह का नाम | वर्ष |
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आब-ए-रवाँ | 1946 |
दिल की सदा | 1948 |
कश्मीर के नग़मे | 1950 |
आज़ादी के गीत | 1952 |
पुरस्कार / सम्मान | वर्ष |
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तमगा-ए-इम्तियाज़ | 1952 |
श्रीनगर में पार्क का नामकरण | 1960 |
कश्मीरी ज़बान की सर्वोच्च साहित्यिक संस्था का नामकरण | 1980 |
प्रश्न: अबिद कश्मीरी कब पैदा हुए थे?
उत्तर: 1912
प्रश्न: अबिद कश्मीरी का निधन कब हुआ?
उत्तर: 1952
प्रश्न: अबिद कश्मीरी ने कश्मीरी ज़बान में कितनी ग़ज़लें लिखीं?
उत्तर: 1000 से अधिक
प्रश्न: अबिद कश्मीरी को किस उपनाम से जाना जाता है?
उत्तर: कश्मीरी ग़ज़ल का बादशाह
प्रश्न: अबिद कश्मीरी की सबसे प्रसिद्ध ग़ज़ल कौन सी है?
उत्तर: माज़ी
प्रश्न: अबिद कश्मीरी को किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था?
उत्तर: तमगा-ए-
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